किशोर पारीक "किशोर"

किशोर पारीक "किशोर"

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किशोर पारीक 'किशोर' गुलाबी नगर, जयपुर के जाने माने कलमकार हैं ! किशोर पारीक 'किशोर' की काव्य चौपाल में आपका स्वागत है।



बुधवार, अगस्त 05, 2009

बात पते की यही हुजूर

बात पते की यही हुजूर
खुरापात से रहना दूर
दिया खुदा ने उसे कबूल
उसको ये ही था मंजूर
नहीं निगाह में उसके फर्क
राजा हो या हो मजदूर
जिन्‍हें हुस्न पर होता नाज
वो अक्‍सर होते मगरूर
खोयेगा जो वक्‍त फिजूल
सपने होंगे चकनाचूर
चलते ही रहना दिन-रात
मंजिल अपनी कोसों दूर
सबर सुकूं की रोटी चार
बरसाती चेहरे पर नूर
बोई फसल वही तू काट
जीवन का ये ही दस्‍तूर
दुनियां फ़ानी समझ ‘किशोर’
सब कुछ होना हैं काफूर

किशोर पारीक "किशोर"

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