यारों तुमने पाक की, तोड़ी भुजा मरोड़ !
अब किशोर उस जोश से, दो लंका गढ़ तोड़!!
आक्रमण करना भारी,
मारना मार दुधारी
भज्जी, धोनी, नेहरा, तेदुलकर युवराज !
झपटो लंका टीम पर,ज्यों चिड़िया पर बाज़ !!
प्रतिष्ठा की तुम सोचो,
टीम की टीम दबोचो
चुस्ती, फुरती, एकता, बहा स्वेद भरपूर !
लेकर आओ विश्व कप, तुमसे दो पग दूर !!
बज़रबट्टू छुडवांएं
सभी मिल जश्न मनाएँ
रखना गेंद गिरफ्त में, चौका धरो सतोल !
एक एक रण का यहाँ, है लाखों का मोल !!
नहीं लंका हो हाबी
करो तुम ताले चाबी
गया तिलक माला छुटी, रटे न राम-रहीम !
भेजे मैं कुछ रन बसे, छक्के बसे असीम !!
रही धोनी से आशा
सचिन पलटेगा पासा
धोनी की दादी कहे, इतराती मुस्काय !
पोता लाए विश्व कप , उसमे पीउ चाय !!
सौ के दर्ज़न वाला,
लगा रखूँगी ताला
किशोर पारीक "किशोर"