कितने उछले थे कंगारू, लेकिन ढीला कर डाला !
अहंकारियों के सपनो को, भारत ने था धो डाला !!
महायुद्ध अब मोहाली में, डरने की तो बात नहीं !
हरा सके अपने शेरों को, चूहों की औकात नहीं !!
चोकन्ने हैं सभी खिलाड़ी, ज्यों हमले को रहता बाज़ !
पाक तुम्हारे लिए बहुत है, आपना प्यारा इक युवराज !!
अफरीदी तेरे बोलर तो, देख रहे हमको ग़मगीन !
उड़ी नींद सपनों में दिखता, ज्यों पर्वत सा खड़ा सचिन !!
तुमने समझा लगी हाथ बस, जीत सरीखी मीठी खीर !
ऐसी ताल बिगडेगा, बोलिंग में दमदार जहीर !!
जरदारी जी और गिलानी, को भेजा नोता पक्का !
सीमा पार मनमोहनजी ने, अमन शांति का लगा छकका !!
हम करके मेहमान नवाजी, कोई कसर न लायेंगे !
अब सुन लेना हम क्रिकेट में, तुमको धूल चटायेंगे !!
जैसे शावक को कोई भी, गीदड टोक नहीं सकता !
भारत को अब कप पाने से, कोई रोक नहीं सकता !!
तेंदुलकर का बल्ला यारों, फिर तूफान मचायेगा !
वर्ष अठाईस बाद देश फिर,से इतिहास रचायेगा !!
kishore parek Kishore
अहंकारियों के सपनो को, भारत ने था धो डाला !!
महायुद्ध अब मोहाली में, डरने की तो बात नहीं !
हरा सके अपने शेरों को, चूहों की औकात नहीं !!
चोकन्ने हैं सभी खिलाड़ी, ज्यों हमले को रहता बाज़ !
पाक तुम्हारे लिए बहुत है, आपना प्यारा इक युवराज !!
अफरीदी तेरे बोलर तो, देख रहे हमको ग़मगीन !
उड़ी नींद सपनों में दिखता, ज्यों पर्वत सा खड़ा सचिन !!
तुमने समझा लगी हाथ बस, जीत सरीखी मीठी खीर !
ऐसी ताल बिगडेगा, बोलिंग में दमदार जहीर !!
जरदारी जी और गिलानी, को भेजा नोता पक्का !
सीमा पार मनमोहनजी ने, अमन शांति का लगा छकका !!
हम करके मेहमान नवाजी, कोई कसर न लायेंगे !
अब सुन लेना हम क्रिकेट में, तुमको धूल चटायेंगे !!
जैसे शावक को कोई भी, गीदड टोक नहीं सकता !
भारत को अब कप पाने से, कोई रोक नहीं सकता !!
तेंदुलकर का बल्ला यारों, फिर तूफान मचायेगा !
वर्ष अठाईस बाद देश फिर,से इतिहास रचायेगा !!
kishore parek Kishore
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