किशोर पारीक "किशोर"

किशोर पारीक "किशोर"

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किशोर पारीक 'किशोर' गुलाबी नगर, जयपुर के जाने माने कलमकार हैं ! किशोर पारीक 'किशोर' की काव्य चौपाल में आपका स्वागत है।



बुधवार, अप्रैल 14, 2010

तंग आया फरमाईशों से

भरपाया तेरी ख्वाईशों  से
तंग आया फरमाईशों से
इसलिए जा रहा हूँ
इस नरक से तरने
जा रहा हूँ मरने
पत्नी  रुंआसी होकर बोली
हे मेरे हमजोली
नेचर  है तुम्हारी जोली
बेशक आप जातें है जाईये
जाने से पहले एक सफेद
साड़ी दिलवाते जाईये
ये भावी विधवा
अंतिम समय कहाँ से लायेगी
आपकी अन्त्येष्टि में
यह साड़ी काम आएगी
किशोर पारीक "किशोर"

3 टिप्‍पणियां:

  1. ठीक बात है जाते हैं तो जाये पर कुछ तो खयाल रखिये कि जाने के बाद भाभी को कोई परेशानी न हो.

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  2. kamal kant mishra21/4/10 01:01

    vah aapne to marne ke baad tak ka intajaam karva diya

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