पुस्तकों में अमर, रहीम रसखान है
देह निज धर्म से, ही शेष होती एक दिन
स्मृति अशेष कृति, लेख पहिचान केकवि कालीदास, व्यास, सूरदास, नाभादास
अष्टछाप कवियों का, पोथियों में गान है
पुस्कें ही असल में साज़ माता शारदा का
राधिका का राग, कृष्ण- बांसुरी की तान है
ऋषियों के रचे, उपनिशध पुराण है
उतरा था आन के जेहन में पेगेम्बर के
पाक है कलाम, वही नाम कुरआन है
विष्णुगुप्त में है, साम, दाम,दंड, भेद
नीति स्म्रुति के ग्रन्थ, अपने संविधान है
ग्रन्थ का प्रकाश है, अकाल ओमकार रूप
गुरुग्रंथ साहिब, महान है, महान है
किशोर पारीक"किशोर"
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