किशोर पारीक "किशोर"

किशोर पारीक "किशोर"

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किशोर पारीक 'किशोर' गुलाबी नगर, जयपुर के जाने माने कलमकार हैं ! किशोर पारीक 'किशोर' की काव्य चौपाल में आपका स्वागत है।



शनिवार, अप्रैल 03, 2010

में धड़कन के गीत लिखूंगा





 में धड़कन के गीत लिखूंगा






वंदन मिले ना,  चाहे मुझको, चन्दन मिले ना चाहे मुझको
नई सुबह के पन्नो पर, में  अपने मन  के मीत लिखूंगा
                                    में धड़कन के गीत लिखूंगा
बादल चाहे कितना गरजे, सूरज से भी अग्नि बरसे 
अपने माँ के अनुपम गुंजन, से में नवनीत लिखूंगा
                                में धड़कन के गीत लिखूंगा
थक कर चाहे सो जाऊंगा, जग कर फिर लिखने आऊँगा 
करदे सराबोर सब जग को, ममतामय में शीत लिखूंगा 
                                 में धड़कन के गीत लिखूंगा
मोसम तो आये जायेंगे, मुझको कहाँ हिला पाएंगे
अग्नि का जो ताप भुजादे , कागज़ पर में शीत लिखूंगा
                              में धड़कन के गीत लिखूंगा
इस बगिया की आंगन क्यारी, मुझको प्यारी हर फुलवारी
हर रिश्ते में जान फुकदे, ऐसी  सुन्दर रीत लिखूंगा   
                                 में धड़कन के गीत लिखूंगा
ओ चिराग गुल करने वालों, चाहे जितना जोर लगालो
जगतीतल को रोशन करदे, ऐसे उज्वल दीप लिखूंगा
                               में धड़कन के गीत लिखूंगा
सागर जितना में गहरा हूँ, अम्बर जैसा में ठहरा हूँ
वर्तमान को सुरभित करदे, अनुपम वही अतीत लिखूंगा
                            में धड़कन के गीत लिखूंगा
चाहे शब्द कहीं खो जाये, स्वर मेरे चाहे खो जाये
फिघलती पावक पर बैठा, में फिर से नवनीत लिखूंगा
                           में धड़कन के गीत लिखूंगा
वंदन मिले ना, चाहे मुझको, चन्दन मिले ना चाहे मुझको

नई सुबह के पन्नो पर, में अपने मन के मीत लिखूंगा
में धड़कन के गीत लिखूंगा
किशोर पारीक " किशोर"

2 टिप्‍पणियां:

  1. नई सुबह के पन्नो पर, में अपने मन के मीत लिखूंगा
    में धड़कन के गीत लिखूंगा
    बहुत सुन्दर गीत

    जवाब देंहटाएं