किशोर पारीक "किशोर"

किशोर पारीक "किशोर"

किशोर पारीक "किशोर" की कविताओं के ब्लोग में आपका स्वागत है।

किशोर पारीक 'किशोर' गुलाबी नगर, जयपुर के जाने माने कलमकार हैं ! किशोर पारीक 'किशोर' की काव्य चौपाल में आपका स्वागत है।



बुधवार, अप्रैल 07, 2010

हँसते हँसते मरो

बिजली के करंट से
मरा
मेरे गांव का एक
मसखरा
खम्बे से उतार कर 
उसकी लाश, जब
अर्थी पर
सजाई  गयी
उसकी मुख मुद्रा
हंसती हुई
पाई गयी!
यमराज ने
ऐंठ कर प्रश्न दागे
अबे ओ अभागे
ऐसा क्या ?
मरते हुए भी
हंसी उलीच रहा है
मसखरे  ने
मुस्करा कर कहा
यमराज जी मैंने सोचा
फोटोग्राफर
मेरी फोटो खिंच रहा है !
किशोर पारीक " किशोर"

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