स्वाभिमान सो गया है, तेज कहीं खो गया है
सिंह को सियार अब रोज धमकाएंगे
आँख मूँद भीष्म बने, देश को चलने वाले
माँ भारती की लाज को, ये कैसे बचा पाएंगे
दुश्मनों की आँख रही, देश के ललाट पर
प्रेम के तराने फिर भी गाते चले जायेंगें
संसद पे हमलों से, जूझेंगें जवान जब
कुर्सियों के नीचे जाकर, ये छुप जायेंगें
किशोर पारीक" किशोर"
खूब लिखा है
जवाब देंहटाएंkmaal kar diya aaj to aapne....
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