एक प्रेमी
जोड़ा
कबूतर के माध्यम से
संदेशो का सिलसिला जोड़ा
एक दिन प्रेमिका के
उदासी की अमावस्या
छाई थी
कबूतर तो आया था
एस एम् एस
नहीं लाया था मिलने पर पूछा
कारण
प्रेमी ने कहा हे
मेरी चंपारण
ये ही तो मेरा कमाल था
कपोत के साथ
ये मेरा मिसकाल था !
किशोर पारीक " किशोर"
प्यार करने वालों का शुरू से ही कबूतर दोस्त रहा है। अब तो जमाना काफी हाईटेक हो चुका है ऐसे में लोग कबूतरों को तो भूलते ही जा रहे हैं। आपकी ये रचना पसंद आई।
जवाब देंहटाएंbahut badhiya...
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