जिसने दी है जान देश हित, उनका वंदन और नमन
जिसने रखी शान देश की, उनका करते अभिनन्दन
फँसी के फंदे चूमे, सीने पर गोली खाई
भारत माँ के वीर सपूतों, तुमको वंदन और नमन
गाइये तुम गीत बंधू , मीत प्रीत प्राण हो
छेडिये संगीत बंधू, सात सुर की तांन हो
देश मांगे जब, लहू तो भूल जाएँ प्यार-वार
दिल में जज्बा मात्रभू का, जय घोष हिंदुस्तान हो
देश मांगे जब, लहू तो भूल जाएँ प्यार-वार
दिल में जज्बा मात्रभू का, जय घोष हिंदुस्तान हो
माँ भारती सपनो में आयी, दीखती अधीर थी
अपनों से मिली चोट की, मुख पे उसके पीर थी
मुझे लूटते थे परदेशी, अब घर वाले नोच रहे
पुत्र बता में जिसे चाहती क्या वो यह तस्वीर थी
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