टूटी दाईं टाँग लगादी, रॉड भले ने बॉंई में
किसको फुरसत सभी लगे हैं, अंधी मुफ्त कमाई में
पेट दर्द था कल से उसका, दिखलाने भीखू आया
पता लगा गुर्दा दे आया, आते वक्त विदाई में
चीर पेट छोडी हैं अन्दर, कैंची पट्टी सर्जन ने
दोष ढूँढ़ते आप भला क्यों, मिस्टर मुन्ना भाई में
रहे सिसकते दुर्घटना में, घायल उनको रोते हैं
नैन लड़ाते खड़े चिकित्सक, सिस्टर से तनहाई में
बीमारी गहरी या हल्की, अस्पताल में मत जाना
भले कूदना पड़े तुम्हें तो, कुए बावड़ी खाई में
मन्दी का भी दौर न होगा, इन दोनों के धन्धो में
नजर न आता मुझको अन्तर, सर्जन और कसाई में
लालच देकर खून निकाला, मासूमों को बहलाकर
रक्त पिपासु नरपिचास ये, डूबे सब बेहआई में
समझा जिनको जीवन रक्षक, भक्षक वे प्राणों के निकले
वो किशोर करते अयासी, नकली लिखि दवाई में
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