भगवान भाग्य बाँट रहे थे, सारे कवि घूमने चले गए, लौटने पर भगवान ने बताया, अरे तुम्हारा भाग्य तो मैंने दूसरों में बाँट दिया . कवियों ने विरोध किया तो भगवान ने सांत्वना दी, देखो है तो तुम्हारे ही भाग्य का . बस तुम्हे हरेक जगह से जा जा कर लाना होगा, इसीलिए तो सारे कवि लगातार प्रवास किये जा रहे हैं ..
प्रिय बंधुवर किशोर पारीक जी 'किशोर'
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
है तो तुम्हारे ही भाग्य का . बस तुम्हे हरेक जगह से जा जा कर लाना होगा
वाह ! क्या ख़ूब कहा है ! अच्छा तरीका है :)
… लेकिन किसी को शर्म भी आनी चाहिए , घर बैठे ही किसी का हिस्सा पहुंचा देना चाहिए … नहीं ? :) :)
~*~नव वर्ष २०११ के लिए हार्दिक मंगलकामनाएं !~*~
शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार