tag:blogger.com,1999:blog-7237418084719823345.post4407543330989578811..comments2024-01-11T05:11:41.951-08:00Comments on किशोर पारीक "किशोर": काव्य टिपण्णीKishore Pareekhttp://www.blogger.com/profile/09619402926510078396noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7237418084719823345.post-65309324609715725762011-01-10T18:05:06.114-08:002011-01-10T18:05:06.114-08:00प्रिय बंधुवर किशोर पारीक जी 'किशोर'
...<b><i>प्रिय बंधुवर किशोर पारीक जी 'किशोर' </i></b> <br /><b> </b> नमस्कार !<br /><b> </b> <br /><b> है तो तुम्हारे ही भाग्य का . बस तुम्हे हरेक जगह से जा जा कर लाना होगा </b> <br /><br />वाह ! क्या ख़ूब कहा है ! अच्छा तरीका है :)<br /><br />… लेकिन किसी को शर्म भी आनी चाहिए , घर बैठे ही किसी का हिस्सा पहुंचा देना चाहिए … नहीं ? :) :)<br /><br /><b>~*~नव वर्ष २०११ के लिए हार्दिक मंगलकामनाएं !~*~</b> <br /><br />शुभकामनाओं सहित<br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.com