लोहड़ी की खिचड़ी
खिचड़ी तहरी हो गयी, खाने लगे पुलाव
अब लोहड़ी पर है नहीं, पहले जैसा चाव
खिचड़ी का फिर क्यों भला, उतरे मुह में कौर
जब पिज्जा से फास्ट फ़ूड, मिलते चारों और
पान मसाले फांकती, गुटकों की सौगात
त्योंहारों पर खिचड़ी, करते कैसी बात ?
गर खिचड़ी भी हो गयी, पञ्च सितारा ब्रांड
न्यू जनरेशन खायेगी, मिला मिला कर खांड
क्या खाए खिचड़ी भला, महंगाई के भाव
चावल चीनी दाल सब, देते हमको घाव
खिचड़ी के हमने सुने, होते चारों यार
दही, घिरत, या गुड रहे, मिर्चीदार अचार
किशोर pareek " किशोर"
"आप सभी को मकर संक्रांति के पर्व की ढेरों शुभकामनाएँ !"
जवाब देंहटाएंअजी अब भी दम है...
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