किशोर पारीक "किशोर"

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किशोर पारीक 'किशोर' गुलाबी नगर, जयपुर के जाने माने कलमकार हैं ! किशोर पारीक 'किशोर' की काव्य चौपाल में आपका स्वागत है।



शुक्रवार, जून 24, 2011

बरखा की प्रथम बूदों का स्‍वागत

बरखा की प्रथम बूदों का स्‍वागत


पहली बरखा का हुआ, मनभावन अहसास ।
लम्‍बे लधंन बाद ज्‍यों, होठों लगा गिलास ।।
टप टप बूंदो की सुनी, रिदम भरी पदचाप ।
तबले पर पडने लगी, ज्‍यों जाकिर की थाप।।
उस दिन वह थी साथ में, उपर से बरसात ।

हाल हमारे देख कर, छाता भी मुस्‍कात ।।
बिजली चमके साथ में, पवन मंचाये शोर ।
तन में मन में उठ रहे, यादों भरे हिलोर ।।
मेघदूत संग भेजती, सजनी यह सन्‍देश ।
सावन बीता जा रहा, बालम लोटो देश ।।
दूरंदेशी देखिये, बैइये की श्रीमान ।
बरखा पहले नीड़ का, कर डा़ला निर्माण।।

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