किशोर पारीक "किशोर"

किशोर पारीक "किशोर"

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किशोर पारीक 'किशोर' गुलाबी नगर, जयपुर के जाने माने कलमकार हैं ! किशोर पारीक 'किशोर' की काव्य चौपाल में आपका स्वागत है।



बुधवार, सितंबर 15, 2010

गंगां कोमानवेल्थ की, धोये सबने हाथ

दो मोसम है और भी, सूखा बाढ़ अपात
केवल ऋतुएँ हैं नहीं, सर्द , गर्म, बरसात
ये जब भी आते , अफसर हैं हर्षाते

संसद तो इनके लिए,     केवल एक दूकान
वन्दे मातरम की जगह, धन दे मातरम गान
जनता की दुश्वारी, चाहिए वेंतन भारी

गंगां कोमानवेल्थ की, धोये  सबने हाथ
बचों खुचों को दे रही, यमुनाजी सौगात
भर गए इनके गल्ले, हो गयी बल्ले बल्ले

स्टेडियम बन रहे, अरबों में तैयार
आफ्टर कोमानवेल्थ के , क्या होगा भरतार
लगेंगे फिर नहीं मेले, गधों के बने तबेले

किशोर पारीक "किशोर"

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