(१)
धरती का वो पुत्र है, उपजाता है अन्न
दाता होकर भी रहा, देखो यार विपन्न
(२)
अर्थव्यवस्था देश की, खेती ही आधार
मरने को मजबूर क्यों, कृषक यहाँ लाचार
(३)
अन्न उगा कर भी रहा, भूखा खेतीहार
सोलह दूनी आठ था, बनिये का व्यापार
धरती का वो पुत्र है, उपजाता है अन्न
दाता होकर भी रहा, देखो यार विपन्न
(२)
अर्थव्यवस्था देश की, खेती ही आधार
मरने को मजबूर क्यों, कृषक यहाँ लाचार
(३)
अन्न उगा कर भी रहा, भूखा खेतीहार
सोलह दूनी आठ था, बनिये का व्यापार