चन्द्रशेखर आजाद
जब तक चलती रही स्वांस आजाद रहा,
जब तक चलती रही स्वांस आजाद रहा,
भारत की आजादी ही उन्माद रहा
भूल गया है आज देश वीर शहीदों को
नाम तलक ना कुछ को यारों याद रहा
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
लगा तिलक माथे पर गंगाधर निकले
माँ भारत क जयकारे के स्वर निकले
अंतिम क्षण तक रहे देश की चिंता में
तब जाकर य गोरे अपने घर निकले