टूटी दांई टांग, लगादी रॉड लगादी भले ने बाँई में
किसको फुरसत सभी लगे है, अंधी मुफ्त कमाई में
मंदी का भी दौर न होगा, इन दोनों के धन्दो में
नज़र न आत मुझको अंतर, सर्जन और कसाई में
पेट दर्द था कलसे उसका, दिखलाने भीखू आया
पता लगा गुर्दा दे आया, आते वक्त विदाई में
चीर पेट छोड़ी है अन्दर, केंची, पट्टी सर्जन ने
दोष ढूंढ़ते आप भला क्यों, मिस्टर मुन्ना भाई में
रहें सिसकते दुर्घटना में, घायल उनको रोते है
नैन लड़ाते खड़े चिकित्सक, सिस्टर से तनहाई में
बीमारी गहरी या हल्की, अस्पताल में मत जाना
भले कूदना पड़े तुम्हे तो, कुए, बावड़ी, खाई में
समझा जिनको जीवन रक्षक, भक्षक प्राणों के निकले
वो "किशोर" करते अय्यासी नकली लिखी दवाई में.
किशोर पारीक "किशोर:
"किशोर" करते अय्यासी नकली लिखी दवाई में.
जवाब देंहटाएंBAHUT KHOOB,,,,