किशोर पारीक "किशोर"
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किशोर पारीक 'किशोर' गुलाबी नगर, जयपुर के जाने माने कलमकार हैं ! किशोर पारीक 'किशोर' की काव्य चौपाल में आपका स्वागत है।
मंगलवार, अप्रैल 13, 2010
मुक्तक : तिरंगा
मुक्तक : तिरंगा
भारत की आत्मा का है, रूप यह तिरंगा
हमको सदा से लगता, अनूप यह तिरंगा
जब तक गगन में होंगे, सूरज चंदा तारे
तब तक रहेगा कायम, स्वरुप यह तिरंगा
लारा रहा है जग में, चितचोर यह तिरंगा
सैनिक के बाजुओं में, बन जोर यह तिरंगा
कश्मीर पे गड़ाई, दुश्मन ने अपनी नज़रें
उसकी धरा पे होगा, चहुँ और यह तिरंगा
किशोर पारीक " किशोर"
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sunadar rachna
जवाब देंहटाएंbahut khub
shkhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
tirange ko salaam achhi rachna...
जवाब देंहटाएंhttp://dilkikalam-dileep.blogspot.com/