किशोर पारीक "किशोर"
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बुधवार, दिसंबर 06, 2017
वंदे मातरम गीत कवि किशोर पारीक किशोर
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महान गीतकार तारा प्रकाश जोशी का गीत उनकी उपस्थिति मे कवित्री अजन्ता देव ...
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गुरुवार, अगस्त 03, 2017
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टमाटर खाना अब दुर्लभ .... भाव आसमान पर ....एक व्यंग पैरोडी https://www.youtube.com/watch?v=jpMVjVuIDL4 किशोर पारीक 'किशोर' पसं...
बुधवार, अगस्त 02, 2017
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गुरुवार, जुलाई 23, 2015
मुक्तक
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चन्द्रशेखर आजाद जब तक चलती रही स्वांस आजाद रहा, भारत की आजादी ही उन्माद रहा भूल गया है आज देश वीर शहीदों को नाम तलक ना कुछ को ...
बुधवार, अक्टूबर 08, 2014
हास्यमेव जयते..
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हास्यमेव जयते..कल जकासा पर दिए पति-पत्नी विषय पर दो छक्के (१) अफ्रीका जंगल गए, नव दम्पत्ती एक पत्निजी पर कर दिया, शेरों ने अटैक शेरों ने अ...
अबके रावण नहीं लड़ा
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अबके रावण नहीं लड़ा हँसता रहा खडा-खडा सबसे बोला मस्त रहो एक शब्द भी मत कहो सभी दिखे लाचार से भ्रस्टाचारी मार से महंगाई की युक्ति है लड़ने स...
किसान
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(१) धरती का वो पुत्र है, उपजाता है अन्न दाता होकर भी रहा, देखो यार विपन्न (२) अर्थव्यवस्था देश की, खेती ही आधार मरने को मजबूर क्यों, कृषक य...
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कुछ देशभक्ति की ताजा- ताजा पक्तिंया... होली, ईद पे जनता, खुशी से झूम जाती है ! माँ भारती भी गर्व से, जब मुस्कुराती है ! शहीदों की शहादत...
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जिन्हें आकाश मिल जाये वो घर को भूल जाते हैं, अकेले छोड़ कर माँ बाप को खुशियां मनाते हैं, परिन्दों पे कही बातें हमें लगती हैं अब मिथ्या, ...
काव्यालोक
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काव्यालोक
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राखी बंधवा ले मेरे बीर................. मलसीसर, झुँझुनू (राजस्थान) के कारगिल युद्ध में शहीद अपने भाई गजराज सिंह की प्रतिमा को राखी बां...
बुधवार, दिसंबर 14, 2011
बात पुरानी शब्द नये, अर्थ न जाने कहॉं गये
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बात पुरानी शब्द नये, अर्थ न जाने कहॉं गये सच्चे मन से गर चाहा, वो बक्शेगा बिना कहे मंजिल पे नजरें रखना, रस्ते होंगे नये नये ...
धन गोरा या काला हो, स्वीस बैंक में जाने दो
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सबको यहॉं कमाने दो, खाता है जो खाने दो बेमतलब ना ताने दो, छोडो मियॉं जाने दो महफिल में तुम चुप बैठो, जैसा गाये गाने दो भाड में जा...
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मंहगाई से खाटे हुई खडी है, सदनों में जिन्दा लाशे मरी पडी है लगा तू बहती गंगा में डूबकी क्यों नारे लगाता, यंहा गडबडी है रोता क्य...
नव वर्ष 2012 शुभकामना
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नये वर्ष पर मॉं शारदा से अरदास देना मॉं अनुपम उपहार, देना मॉं अनुपम उपहार, नए साल में मिल जाये मॉं , खुशियॉं अपरम्पार । मिटटी, अ...
रविवार, अगस्त 28, 2011
थांका नेना की कटार, म्हाके हिवड़े उतरी आर
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थांका नेना की कटार, म्हाके हिवड़े उतरी आर च ढग्यो प्रीत रो मीठो ज्वार, दुनियां खेवे छे बीमार होठ पांखडी सी गुलाब की, रस बर्सायाँ जावे मुळक...
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