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बुधवार, जुलाई 13, 2011

सिर्फ कुंठाओं की अभिव्यक्ति नहीं है कविता

सिर्फ कुंठाओं की अभिव्यक्ति नहीं है कविता


काम क्रीडाओ की आसक्ति नहीं है कविता

कविता हर देश की तस्वीर हुआ करती है

निहथ्थे लोगों की शमशीर हुआ करती है
डा उर्मिलेश