किशोर पारीक "किशोर"
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शुक्रवार, जून 24, 2011
देखो कुदरत की ये रंगशाला है,
योग मुद्रा में खडी कोई वृक्ष बाला है ।
मैंने पूछा रब से इसके सोंदर्य का राज
मुस्काकर बोला मैंने फुरसत में ढाला है
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