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सोमवार, सितंबर 20, 2010

अवधपुरी फिर से हुई, दौजख वाला द्वार,

अवधपुरी फिर से हुई, दौजख वाला द्वार,
चाहे किसकी जीत हो, चाहे किसकी हार

निर्णय चाहे जो रहे,  हारेगा यह देश
राजनीती के मोलवी, पंडित वाला वेश

शाला खोलो एक यहाँ,  मत दो अपनी  जान
मंदिर-मस्जिद से बड़ी,किलकारी मुस्कान