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गुरुवार, जुलाई 23, 2015

मुक्तक

चन्द्रशेखर आजाद 

जब तक चलती रही स्वांस आजाद रहा, 
भारत की आजादी ही उन्माद रहा 
भूल गया है आज देश वीर  शहीदों को 
नाम तलक ना कुछ को यारों याद रहा 

लोकमान्य  बाल गंगाधर तिलक 

लगा तिलक माथे पर गंगाधर निकले 

माँ भारत क जयकारे के  स्वर निकले 
अंतिम क्षण तक रहे देश की चिंता में 
तब जाकर य गोरे अपने घर निकले