किशोर पारीक "किशोर"

किशोर पारीक "किशोर"

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किशोर पारीक 'किशोर' गुलाबी नगर, जयपुर के जाने माने कलमकार हैं ! किशोर पारीक 'किशोर' की काव्य चौपाल में आपका स्वागत है।



गुरुवार, मार्च 31, 2011

गुलाल अबीर का तिलक लगाने, हर घर जायेंगे !!

गीत सुनायेंगे रंगों के, फाग सजायेंगे !
इस होली पर मस्ती में, हम सब हर्षाएँगे !!
न पानी से होली का, त्यौहार मनाएंगे !
गुलाल अबीर का तिलक लगाने, हर घर जायेंगे !!
 

सचिन का ध्यान, विश्व कप को दिलाएगा

यूवी का उफान, सहवाग का तूफ़ान
सचिन का ध्यान, विश्व कप को दिलाएगा
नाचे सारा देश, और झूमेगा परिवेश
मेच जीत कर फिर, जश्न मनाएगा
श्रीलंका फिल्डरों को, दोडायेंगे खूब ये
मुम्बई में शान से तिरंगा, फहराएंगा
कहता किशोर जोश, अपना पहाड जैसा
होली का उपहार देश, अनूठा ही पायेगा

किशोर पारीक "किशोर"

तेंदुलकर का बल्ला यारों, फिर तूफान मचायेगा !

कितने उछले थे कंगारू, लेकिन ढीला कर डाला !
अहंकारियों के सपनो को, भारत ने था धो डाला !!

महायुद्ध अब मोहाली में, डरने की तो बात नहीं !
हरा सके अपने शेरों को, चूहों की औकात नहीं !!

चोकन्ने हैं सभी खिलाड़ी, ज्यों हमले को रहता बाज़ !
पाक तुम्हारे लिए बहुत है, आपना प्यारा इक युवराज !!

अफरीदी तेरे बोलर तो, देख रहे हमको ग़मगीन !
उड़ी नींद सपनों में दिखता, ज्यों पर्वत सा खड़ा सचिन !!

तुमने समझा लगी हाथ बस, जीत सरीखी मीठी खीर !
ऐसी ताल बिगडेगा, बोलिंग में दमदार जहीर !!

जरदारी जी और गिलानी, को भेजा नोता पक्का !
सीमा पार मनमोहनजी ने, अमन शांति का लगा छकका !!

हम करके मेहमान नवाजी, कोई कसर न लायेंगे !
अब सुन लेना हम क्रिकेट में, तुमको धूल चटायेंगे !!

जैसे शावक को कोई भी, गीदड टोक नहीं सकता !
भारत को अब कप पाने से, कोई रोक नहीं सकता !!

तेंदुलकर का बल्ला यारों, फिर तूफान मचायेगा !
वर्ष अठाईस बाद देश फिर,से इतिहास रचायेगा !!

kishore parek Kishore

भारत मॉ को चाहिये, विश्व कप का ताज़ !!


कंगारू हैरान है, सदमे मे है पाक ! 
भारत की अब जम गयी, जग मे तगडी धाक !!

मोहाली तो जीत ली, अब मुम्बई की जंग !
श्रीलंका को हम वहाँ, खूब करेंगे तंग !!

चोंको छ्क्को से करो, फाइनल का आगाज़ !
भारत मॉ को चाहिये, विश्व कप का ताज़ !!

धोनी की दादी कहे, इतराती मुस्काय

यारों तुमने पाक की, तोड़ी भुजा मरोड़ !

अब किशोर उस जोश से, दो लंका गढ़ तोड़!!
आक्रमण करना भारी,
मारना मार दुधारी

भज्जी, धोनी, नेहरा, तेदुलकर युवराज !
झपटो लंका टीम पर,ज्यों चिड़िया पर बाज़ !!
प्रतिष्ठा की तुम सोचो,
टीम की टीम दबोचो

चुस्ती, फुरती, एकता, बहा स्वेद भरपूर !
लेकर आओ विश्व कप, तुमसे दो पग दूर !!
बज़रबट्टू छुडवांएं
सभी मिल जश्न मनाएँ

रखना गेंद गिरफ्त में, चौका धरो सतोल !
एक एक रण का यहाँ, है लाखों का मोल !!
नहीं लंका हो हाबी
करो तुम ताले चाबी

गया तिलक माला छुटी, रटे न राम-रहीम !
भेजे मैं कुछ रन बसे, छक्के बसे असीम !!
रही धोनी से आशा
सचिन पलटेगा पासा

धोनी की दादी कहे, इतराती मुस्काय !
पोता लाए विश्व कप , उसमे पीउ चाय !!
सौ के दर्ज़न वाला,
लगा रखूँगी ताला

किशोर पारीक "किशोर"